Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर शीघ्र विचार करे, जिसमें दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान भारत केंद्र (Ayushman Bharat Kendras) स्थापित करने की सिफारिश की गई है।
यह केंद्र आयुष्मान भारत योजना के तहत आने वाली सुविधाओं को सीधे अस्पतालों में उपलब्ध कराएंगे, जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा। AIIMS के अधिकारियों ने बताया कि इन केंद्रों के माध्यम से मरीजों को आयुष्मान कार्ड, हेल्थ बेनिफिट्स, बीमा योजना और इलाज से संबंधित जानकारी एक ही स्थान पर मिल सकेगी।
NextGen eHospital सिस्टम को मिली हरी झंडी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के अधीन संचालित 43 अस्पतालों में नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा विकसित NextGen eHospital सिस्टम लागू करने की भी अनुमति दे दी है। यह डिजिटल सिस्टम आपातकालीन सेवाओं जैसे मरीजों की भर्ती, बेड की उपलब्धता, मेडिकल रिकॉर्ड और इन-पेशेंट केयर को कुशलता से प्रबंधित करने में सक्षम है।
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9 CCU और 12 मोहल्ला क्लीनिक अपग्रेड होंगे: High Court
AIIMS अधिकारियों ने इस पहल को सकारात्मक कदम बताया और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के अंतर्गत आवश्यक सुधारों को तेजी से लागू करने का आग्रह किया। इसमें नौ क्रिटिकल केयर ब्लॉक, 11 इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब और 12 मोहल्ला क्लीनिक को आयुष्मान आरोग्य मंदिर में अपग्रेड करने की योजना शामिल है।
दिल्ली ने PM-JAY को औपचारिक रूप से अपनाया
कोर्ट को यह भी सूचित किया गया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर कर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया है। अदालत ने कहा, “योजना को पूरी तरह से लागू किया जाए। यदि आगे किसी दिशा-निर्देश की आवश्यकता हो, तो उसके लिए आवेदन किया जा सकता है।”
C-DAC और NIC को AIIMS में IPD सिस्टम परीक्षण का आदेश
कोर्ट की विशेष पीठ, जिसमें जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और मनमीत पी.एस. अरोड़ा शामिल हैं, ने NIC के सॉफ्टवेयर को मंजूरी दी। इससे पहले कोर्ट ने NIC और C-DAC दोनों को अपने इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (IPD) सिस्टम AIIMS में परीक्षण के लिए प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, जिससे एकीकृत हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) को लागू किया जा सके।
ICU व्यवस्था में खामियों पर स्वतः संज्ञान
2017 से हाईकोर्ट (High Court) द्वारा स्वतः संज्ञान में लिए गए स्वास्थ्य सुधार मामले के तहत, एक विशेष समिति बनाई गई थी जिसकी अध्यक्षता डॉ. एस.के. सरीन ने की। इस समिति की रिपोर्ट में सामने आया कि ICU सुविधाएं, स्टाफ की कमी, मेडिकल सप्लाई की अनुपलब्धता, ट्रॉमा केयर की खामियां और रेफरल प्रणाली की विफलता जैसी गंभीर समस्याएं दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में व्याप्त हैं।
“सब ठीक नहीं है”, कोर्ट ने जताई चिंता
कोर्ट (Delhi High Court) ने राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता जताई और टिप्पणी की कि “सब कुछ ठीक नहीं है।” कोर्ट ने अधिकारियों के बीच जारी आपसी टकराव पर भी नाराजगी जताई और सुधार कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी AIIMS के निदेशक को सौंपी।
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