Unani Tips for Acidity: वैसे तो पेट में जलन एक आम समस्या है। हालांकि, कुछ मामलों में गंभीर बीमारियों की वजह से पेट में जलन हो सकती है। मसालेदार, तना-भुना या गर्म तासीर की चीजें खाने से पेट में गर्मी बढ़ जाती है। इसकी वजह से पित्त दोष बढ़ जाता है, जो पेट और सीने में जलन का कारण बनता है।
यूनानी चिकित्सा में पेट की जलन (Acidity) को सौदा और सफरा (बाइल और ब्लैक बाइल) की असंतुलनता के कारण माना जाता है। इसे ठीक करने के लिए प्राकृतिक जड़ी-बूटियों, आहार नियंत्रण और कुछ विशिष्ट यूनानी दवाओं का उपयोग किया जाता है।
यूनानी चिकित्सा पद्धति में पेट की जलन को शांत करने के लिए इन जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। ये जड़ी-बूटियां (Pet ki Jalan Kam Krne ke Liye Herbs) आपको आसानी से मार्केट में मिल जाएंगी। आइए, यूनानी चिकित्सा पद्धति में पेट की जलन को शांत करने के लिए क्या किया जाता है?
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यूनानी उपाय पेट की जलन के लिए:
प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ:
- सौंफ: भोजन के बाद सौंफ चबाने या सौंफ का काढ़ा पीने से एसिडिटी में आराम मिलता है।
- रेवंद चीनी (Rhubarb): यह पेट को ठंडक देकर जलन को कम करता है।
- गुलकंद: पेट की गर्मी को कम करने के लिए गुलकंद बहुत फायदेमंद होता है।
- सतावरी (Shatavari): यह पेट को ठंडा रखती है और अम्लता को कम करती है।
- मुलेठी (Licorice): मुलेठी का पाउडर शहद या गुनगुने पानी में लेने से एसिडिटी में राहत मिलती है।
- सफेद मुसली: यह पेट को ठंडक पहुंचाकर जलन को कम करती है।
- खसखस (Poppy Seeds): इसे दूध में मिलाकर पीने से पेट की जलन शांत होती है।
आहार और जीवनशैली सुधार:
- ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थ खाएँ – दूध, नारियल पानी, खीरा, तरबूज, दही
- तेज मिर्च-मसाले, तले-भुने और अम्लीय पदार्थों से बचें
- भोजन के बाद सौंफ और मिश्री का सेवन करें
- खाने के तुरंत बाद न सोएं, हल्का टहलें
- तली-भुनी और मसालेदार चीज़ों से बचें
निष्कर्ष:
यूनानी चिकित्सा में पेट की जलन का इलाज प्राकृतिक जड़ी-बूटियों, यूनानी दवाओं और आहार सुधार के माध्यम से किया जाता है। यदि समस्या ज्यादा बनी रहे, तो यूनानी हकीम से परामर्श करें।
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