Torrent Pharma: जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (JB Pharma) के स्वामित्व को लेकर लंबे समय से चली आ रही अटकलों का अंत हो गया है।
टोरेंट फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Torrent Pharma Ltd) और वैश्विक निवेश फर्म केकेआर (KKR) ने घोषणा की है कि टोरेंट फार्मा ने जेबी फार्मा में बहुलांश हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए केकेआर के साथ निश्चित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सौदे के तहत कंपनी की पूर्ण रूप से पतला आधार पर 25,689 करोड़ रुपये की इक्विटी वैल्यू निर्धारित की गई है।
यह अधिग्रहण भारत की फार्मा इंडस्ट्री (Torrent Pharma) में अब तक की दूसरी सबसे बड़ी डील है, जो केवल सन फार्मा द्वारा 2014 में रैनबैक्सी के अधिग्रहण से पीछे है।
Torrent Pharma: सौदे की प्रमुख बातें
- 39% हिस्सेदारी का अधिग्रहण: टोरेंट ने केकेआर से प्रति शेयर ₹1,600 की दर से 11,917 करोड़ रुपये में 46.39% हिस्सेदारी खरीदने का सौदा किया है।
- ओपन ऑफर: अब टोरेंट एक वैधानिक खुला प्रस्ताव जारी करेगा, जिसके तहत वह ₹1,639.18 प्रति शेयर की दर से जेबी फार्मा के 26% अतिरिक्त शेयर खरीदेगा।
- कर्मचारियों से अधिग्रहण: इसके अतिरिक्त, कंपनी ने जेबी फार्मा के कर्मचारियों से 80% शेयर खरीदने की भी मंशा जताई है।
- विलय की योजना: इसके बाद टोरेंट और जेबी फार्मा का विलय एक योजनाबद्ध प्रक्रिया के तहत होगा। इसके तहत जेबी फार्मा के हर 100 शेयरधारकों को टोरेंट के 51 शेयर मिलेंगे।
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रणनीतिक उद्देश्य
इस सौदे से टोरेंट (Torrent Pharma) को भारत के फार्मा बाजार में अपनी स्थिति और भी मजबूत करने में मदद मिलेगी। जेबी फार्मा की मजबूत ब्रांड उपस्थिति, विशेष रूप से क्रॉनिक सेगमेंट (दीर्घकालिक रोगों) में, टोरेंट के पोर्टफोलियो को विस्तारित करेगी। साथ ही, यह अधिग्रहण टोरेंट को ऑफ्थाल्मोलॉजी (नेत्र रोग चिकित्सा) जैसे नए चिकित्सीय क्षेत्रों में भी प्रवेश दिलाएगा।
इसके अलावा, इस सौदे से टोरेंट को CDMO (Contract Development and Manufacturing Organization) प्लेटफॉर्म में विस्तार का अवसर मिलेगा, जिससे कंपनी को वैश्विक स्तर पर उत्पादन और अनुसंधान की संभावनाओं को भुनाने का अवसर मिलेगा।
नियामकीय स्वीकृतियां
इस अधिग्रहण और प्रस्तावित विलय को पूरा करने के लिए SEBI, स्टॉक एक्सचेंज, CCI, NCLT समेत कई नियामकीय एजेंसियों की मंजूरी जरूरी होगी।
प्रमुख हस्तियों की प्रतिक्रियाएं
टोरेंट फार्मा (Torrent Pharma) के चेयरमैन समीर मेहता ने बताया कि हम जेबी फार्मा की विरासत को अपने साथ जोड़ने और इसे भविष्य की दिशा में विकसित करने को लेकर उत्साहित हैं। यह अधिग्रहण हमें भारत और वैश्विक बाजारों में तेजी से विस्तार करने में सक्षम बनाएगा।
केकेआर एशिया पैसिफिक के को-हैड गौरव त्रेहान कि जेबी फार्मा का रूपांतरण हमारे निवेश और रणनीतिक मार्गदर्शन का परिणाम है। हमें गर्व है कि हमने कंपनी को भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती फार्मा कंपनियों में से एक बनाने में योगदान दिया।
जेबी फार्मा के सीईओ निखिल चोपड़ा ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में हमने केकेआर और बोर्ड के मार्गदर्शन में असाधारण वृद्धि दर्ज की है। अब टोरेंट के साथ मिलकर हम इस विरासत को और मजबूत करेंगे।
सलाहकार और भागीदार
- टोरेंट के वित्तीय सलाहकार: मोएलिस एंड कंपनी, नोवावन
- कानूनी सलाहकार: खेतान एंड कंपनी
- मूल्यांकनकर्ता: अर्न्स्ट एंड यंग, बीडीओ वैल्यूएशन एडवाइजरी
- केकेआर के वित्तीय सलाहकार: कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, रोथ्सचाइल्ड एंड कंपनी
- कानूनी सलाहकार: शार्दुल अमरचंद मंगलदास
- जेबी फार्मा बोर्ड के कानूनी सलाहकार: एज़ेडबी और पार्टनर्स
- शेयर एक्सचेंज अनुपात पर निष्पक्षता राय: एक्सिस कैपिटल (टोरेंट), आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (जेबी)
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