Medical Oxygen Guidelines: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के सहयोग से मेडिकल ऑक्सीजन प्रबंधन पर राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी किए।
इसके साथ ही ऑक्सीजन प्रबंधन पर राष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया गया।
आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयारी पर जोर
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने चिकित्सा ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त बनाए रखने और इसके कुशल उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान मिली सीख को ध्यान में रखते हुए आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
एम्स की भूमिका और विशेषज्ञ प्रशिक्षण
एम्स, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने कहा कि यह कार्यक्रम देश भर में लगभग 200 विशेषज्ञ प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा। ये प्रशिक्षक आगे चलकर अस्पताल प्रशासकों और चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे, जिससे मेडिकल ऑक्सीजन के सही उपयोग, अपव्यय को कम करने और नैदानिक परिणामों में सुधार किया जा सके।
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स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में अहम कदम
मेडिकल ऑक्सीजन प्रबंधन पर जारी राष्ट्रीय दिशानिर्देश देश के चिकित्सा ऑक्सीजन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्वास्थ्य सुविधाओं में ऑक्सीजन प्रबंधन में समान सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। ये दिशानिर्देश रोगी सुरक्षा, क्षमता निर्माण और आपातकालीन तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मेडिकल ऑक्सीजन की कुशल खरीद, भंडारण और प्रशासन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं।
विशेषज्ञों और चिकित्सा पेशेवरों की भागीदारी
इस कार्यशाला में स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ देश भर से आए चिकित्सा विशेषज्ञों और पेशेवरों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में ऑक्सीजन प्रबंधन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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