आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) की प्रभावशीलता का आकलन किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना सामाजिक सुरक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य व्यय में वृद्धि के माध्यम से आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (ओओपीई) को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अब तक इस योजना के अंतर्गत 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत दर्ज की गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एबी पीएम-जेएवाई और अन्य सरकारी बीमा योजनाओं ने स्वास्थ्य सेवा वित्तपोषण में 2.63% का योगदान दिया है, जिससे सरकारी स्वास्थ्य व्यय (जीएचई) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2015 और 2022 के बीच जीएचई 29% से बढ़कर 48% हो गया, जबकि ओओपीई 62.6% से घटकर 39.4% रह गया।
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आयुष्मान कार्ड और लाभार्थियों का विस्तार
24 मार्च 2025 तक इस योजना के तहत 36.9 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। योजना की पात्रता 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) के आधार पर तय की गई थी, लेकिन जनवरी 2022 में सरकार ने लाभार्थी आधार को संशोधित कर 12 करोड़ परिवारों तक पहुंचाया। साथ ही, विभिन्न राज्यों ने अपने स्वयं के संसाधनों से लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए अन्य डेटाबेस का उपयोग किया।
मार्च 2024 में सरकार ने 37 लाख आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को इस योजना में शामिल किया। इसके अलावा, 29 अक्टूबर 2024 को सरकार ने 70 वर्ष से अधिक आयु के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार देने का निर्णय लिया।
शिकायत निवारण प्रणाली और अस्पतालों की भागीदारी
योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल पात्र लाभार्थियों को उपचार देने से इनकार नहीं कर सकते। किसी भी समस्या की स्थिति में, लाभार्थी जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बनी तीन-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं। वे वेब पोर्टल, केंद्रीकृत शिकायत निवारण प्रबंधन प्रणाली (सीजीआरएमएस), हेल्पलाइन (14555), ईमेल, और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
सार्वजनिक अस्पतालों को इस योजना के तहत निजी अस्पतालों के बराबर प्रतिपूर्ति दी जाती है। अधिक निजी अस्पतालों की भागीदारी के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने 1961 संशोधित स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी) जारी किए हैं, 350 पैकेजों की दरें बढ़ाई हैं और नए पैकेज जोड़े हैं।
इसके अलावा, अस्पतालों की पैनल प्रक्रिया को तेज करने के लिए हॉस्पिटल एंगेजमेंट मॉड्यूल (एचईएम 2.0) का उन्नत संस्करण लॉन्च किया गया है। अस्पतालों की शिकायतों के समाधान के लिए एक विशेष कॉल सेंटर (14413) भी स्थापित किया गया है।
निष्कर्ष
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, एबी पीएम-जेएवाई ने स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ और किफायती बनाया है। सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे सुधारों और विस्तार से यह योजना देश के गरीब और वंचित तबकों के लिए वरदान साबित हो रही है।
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