Mustard Seeds Benefits: सरसों का पौधा एक ऐसा पौधा है, जिसका हर हिस्सा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। फिर चाहे वह सरसों का तेल हो, पत्तों से बना साग हो या फिर सरसों के दानें… इस पौधे का हर हिस्सा औषधीय गुणों की खान है। सरसों के बीजों की बात करें तो आमतौर पर हम इन्हें राई या फिर काली और पीली सरसों के दानों के नाम से जानते हैं।
सरसों के दाने हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने गए है। इसका प्रमाण खुद वैज्ञानिक भी दे चुके हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन की वेबसाइट पर जारी एक स्टडी में बताया गया है कि सरसों का हर हिस्सा सेहत के लिए फायदेमंद है। इसमें कैरोटीनॉयड, फेनोलिक कंपाउंड्स और ग्लूकोसिनोलेट्स जैसे कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं। सरसों कैंसर से लेकर डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए भी फायदेमंद पाया गया है।
कैंसर में फायदेमंद
वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, सरसों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर को फैलने से रोकते हैं। इसमें एंटीकार्सिनोजेनिक होता है, जो कैंसर को पनपने से रोक सकता है। इसके अलावा, एक अन्य स्टडी में पाया गया है कि सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड कोलन कैंसर के खतरे को रोकने में अपना प्रभावी असर दिखा सकते हैं।
यह भी पढ़ें: Guava Leaf Tea: अमरूद के पत्तों की चाय से मिलते हैं जबरदस्त फायदे, जानें बनाने का तरीका
अस्थमा में लाभदायक
सरसों के दानों में मौजूद तत्व अस्थमा मरीजों के लिए भी फायदेमंद हैं। स्टडी के अनुसार, सरसों के बीजों में साइनपाइन नामक कार्बनिक यौगिक होता है, जो मांसपेशियों की सक्रियता और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। ऐसे में अस्थमा की स्थिति के विपरीत क्रिया उत्पन्न कर अस्थमा को रोकने में मदद कर सकता है।
माइग्रेन में फायदेमंग
असहनीय सिर दर्द की समस्या यानि माइग्रेन से आज देश की एक बड़ी आबादी जूझ रही है। सरसों के दाने माइग्रेन मरीजों के लिए फायदेमंद माने गए है। दरअसल, सरसों के बीज में राइबोफ्लेविनन नामक विटामिन पाया जाता है, जो माइग्रेन के खतरे को कम कर सकता है।
ब्लड प्रेशर रखे कंट्रोल
अनियमित रक्तचाप की समस्या आजकल आम होती जा रही है। 30 साल से ऊपर की उम्र के अधिकतर लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। सरसों के बीजों में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने की क्षमता पाई गई है। एक शोध में पाया गया कि सरसों के बीज में पाया जाने वाले मेथनॉल अर्क एंटीहाइपरटेंशन प्रभाव से लैस होता है। इसलिए, एक लिमिटेड मात्रा में सरसों के बीज या फिर राई का सेवन करें तो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखा जा सकता है।
वजन कम करने मददगार
सरसों के दानों से निकलने वाला तेल वजन घटाने में सहायक माना जाता है। एक रिसर्च के अनुसार, इस तेल के अंदर डायसेलिग्लिसरॉल भारी मात्रा में पाया जाता है, जो वजन घटाने में सहायक है। डॉक्टरों का कहना है कि सरसों के बीज या राई पाचन क्रिया में मदद करते हैं और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते है, जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है।
शुगर रोगियों के लिए फायदेमंद
खून में ग्लूकोज का लेवन अनियंत्रित होने की वजह से शुगर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरसों के बीजों को कई वैज्ञानिक स्टडीज में शुगर रोगियों के लिए फायदेमंद माना गया है। स्टडी में पाया गया है कि काली सरसों के बीज में हाइपोग्लाइसेमिक और एंटीडायबिटिक गुण होते हैं, जो खून में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। काली सरसों के बीज टाइप 2 डायबिटीज की समस्या में आराम पहुंचाने का काम करते हैं।
Discussion about this post