Star Health Covid Claim: हापुड़ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने हाल ही में एक बीमा धारक को राहत दी है, जिसकी पत्नी का कोविड-19 इलाज के बाद स्वास्थ्य बीमा दावा अस्वीकार कर दिया गया था। बीमा कंपनी, स्टार हेल्थ एंड एलाइड इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने इसे पूर्व-मौजूदा बीमारी के खुलासे न होने का हवाला देते हुए खारिज किया था।
आयोग ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि बीमा धारक की पत्नी का कोविड-19 दावा गलत तरीके से अस्वीकार किया गया। आयोग ने बीमा कंपनी (Star Health) को आदेश दिया कि वह 45 दिनों के भीतर भुगतान करे, अन्यथा 6% वार्षिक ब्याज लागू होगा।
मामला 2020 का है
शिकायतकर्ता, जो हापुड़ के राधापुरी निवासी हैं, ने बताया कि उनकी पत्नी को 16 सितंबर 2020 को गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में कोविड-19 के लिए भर्ती कराया गया। उनका इलाज चार दिन चला और 20 सितंबर को उन्हें डिस्चार्ज किया गया। अस्पताल का बिल 2 लाख रुपये से अधिक था।
बीमा दावा अस्वीकृत
शिकायतकर्ता और उनकी पत्नी दोनों स्टार हेल्थ (Star Health) की सुपर सरप्लस फ्लोटर रिवाइज्ड मेडिक्लेम पॉलिसी (15 लाख रुपये) के तहत बीमित थे। उन्होंने बिल और प्रिस्क्रिप्शन सहित सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए। पॉलिसी की अवधि 20 जुलाई 2020 से 19 जुलाई 2021 तक थी।
फिर भी, बीमा कंपनी (Star Health) ने मई 2024 में दावा अस्वीकार कर दिया, यह कहते हुए कि पत्नी की कोई पूर्व-मौजूदा बीमारी बीमा लेने से पहले नहीं बताई गई। इसके बाद शिकायतकर्ता आयोग के पास पहुंचे।
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शिकायतकर्ता का पक्ष
शिकायतकर्ता ने आयोग में कहा, “कोविड-19 के परीक्षण से पहले मेरी पत्नी को कभी वायरस या कोई अन्य जानलेवा बीमारी नहीं थी। हमें हापुड़ के अस्पतालों में बेड न होने के कारण गाजियाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।”
आयोग का फैसला
सुनवाई के बाद आयोग ने शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला दिया और बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि वह अस्पताल खर्च के लिए 1.5 लाख रुपये और मानसिक तनाव के लिए 5,000 रुपये भुगतान करे।
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