Karnataka Hospitals: कर्नाटक में कुल 8,728 पंजीकृत सरकारी और निजी अस्पतालों में से केवल 329 अस्पतालों के पास उचित फायर सेफ्टी मंजूरी है। इसमें से मात्र 14 सरकारी अस्पताल (कुल 2,878) और 315 निजी अस्पताल (कुल 5,850) ही आग से सुरक्षा के मानकों का पालन करते हैं।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने काउंसिल सदस्य धनंजय सरजी के सवाल के जवाब में यह डेटा सार्वजनिक किया। इसका मतलब यह हुआ कि अधिकांश अस्पतालों (Karnataka Hospitals) में आग लगने की स्थिति में मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा का उचित इंतजाम नहीं है।
राष्ट्रीय भवन संहिता के तहत फायर सेफ्टी आवश्यक
टीएनआईई की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय भवन संहिता (National Building Code) के अनुसार सभी अस्पतालों (Karnataka Hospitals) को एक समान फायर सेफ्टी नियमों का पालन करना अनिवार्य है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अधिकांश अस्पताल इस नियम का उल्लंघन कर रहे हैं।
2024 में कर्नाटक के तीन अस्पतालों में आग लगी
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में कर्नाटक में तीन अस्पतालों (Karnataka Hospitals) में आग की घटनाएं हुईं, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन हाल ही में इस समस्या को सुलझाने के लिए एक बैठक आयोजित की गई है।
यह भी पढ़ें: 250 MBBS सीटों के लिए 900 बेड और 2000 ओपीडी अनिवार्य: स्वास्थ्य राज्य मंत्री
सरकारी अस्पतालों के लिए 550 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित
मंत्री ने बताया कि लगभग 2,864 सरकारी अस्पताल फायर सेफ्टी (Karnataka Hospitals) मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। इन अस्पतालों को फायर सेफ्टी मंजूरी दिलाने में लगभग 550 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
पुणे में भी फायर सेफ्टी नियमों का उल्लंघन
इससे पहले मेडिकल डायलॉग्स की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पुणे नगर निगम (PMC) ने 24 निजी अस्पतालों को फायर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) नवीनीकरण न कराने और फायर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया है।
पुणे में कुल 867 निजी अस्पतालों के निरीक्षण के बाद यह कार्रवाई की गई, जिसमें कई अस्पतालों को नियमों का पालन नहीं करते पाया गया।
पुणे के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुर्यकांत देओकार ने कहा, “हमारी टीम ने सभी 867 निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया और पाया कि 24 अस्पतालों ने फायर NOC का नवीनीकरण नहीं कराया या फायर उपकरणों को अपग्रेड नहीं किया।”
Discussion about this post