RG KAR Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के सनसनीखेज मामले को एक साल पूरा हो चुका है।
9 अगस्त 2024 को हुई इस घटना (RG KAR Case) ने पूरे पश्चिम बंगाल को झकझोर दिया था। एक साल बाद भी पीड़िता के परिवार और जनता का गुस्सा शांत नहीं हुआ है, और न्याय की मांग लगातार उठ रही है।
RG KAR Case: एक साल की घटनाक्रम टाइमलाइन
- 09 अगस्त 2024: ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या।
- 10 अगस्त 2024: कोलकाता पुलिस ने मुख्य आरोपी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया।
- 12 अगस्त 2024: मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस्तीफा दिया।
- 13 अगस्त 2024: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी।
- 15 अगस्त 2024: विरोध के बीच अस्पताल में तोड़फोड़, इमरजेंसी वार्ड को नुकसान।
- 18 अगस्त 2024: सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया।
- 21 अगस्त 2024: CISF ने अस्पताल की सुरक्षा संभाली।
- 7 अक्टूबर 2024: सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की, 11 नवंबर से मुकदमा शुरू।
- 16-18 जनवरी 2025: आरोपी दोषी करार, 20 जनवरी को आजीवन कारावास की सजा।
- 22 जनवरी 2025: सीबीआई ने मृत्युदंड की मांग की।
- 28 मार्च 2025: सीबीआई ने कोर्ट को बताया—सामूहिक बलात्कार के सबूत नहीं।
- जुलाई 2025: संजय रॉय ने हाईकोर्ट में अपील कर निर्दोष होने का दावा किया।
न्याय की मांग और सीबीआई पर सवाल
पीड़िता के परिजनों ने सीबीआई पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री से सही जांच की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस मामले में शामिल हर व्यक्ति को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
RG KAR Case: नबान्न मार्च पर रोक और झड़प
शनिवार को पीड़िता के माता-पिता और समर्थकों ने सचिवालय (नबान्न) की ओर मार्च किया, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने रुकावटें फांदकर आगे बढ़ने की कोशिश की, जिससे झड़प हुई। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना उकसावे के उन पर हमला किया और चूड़ियां तोड़ दीं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया, जिसमें विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सहित कई भाजपा नेता घायल हुए।
भाजपा का धरना और आरोप
नबान्न के आसपास BNSS की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू थी। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी, अग्निमित्रा पॉल और अन्य विधायकों ने पार्क स्ट्रीट-जेएल नेहरू रोड क्रॉसिंग पर धरना दिया। अधिकारी ने दावा किया कि 100 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए और ममता सरकार के इस्तीफे की मांग दोहराई।
यह मामला (RG KAR Case) आज भी पश्चिम बंगाल में राजनीतिक और सामाजिक तौर पर उबाल पर है, और पीड़िता के परिवार का कहना है कि वे अंतिम सांस तक न्याय के लिए लड़ते रहेंगे।
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