Azamgarh: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित जिला अस्पताल से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक मरीज ऑक्सीजन मास्क लगाए अस्पताल के फर्श पर बैठा हुआ नजर आ रहा है।
बताया जा रहा है कि अस्पताल (Azamgarh Hospital) में बेड की भारी कमी के कारण मरीज को फर्श पर ही ऑक्सीजन दी गई। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को लेकर सरकार की तीखी आलोचना हो रही है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अस्पताल (Azamgarh Hospital) में बुनियादी सुविधाओं और साफ-सफाई की भारी कमी है। मरीज को किसी तरह फर्श पर बैठाकर ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है। मरीज को घंटों तक अस्पताल के किसी वार्ड में जगह नहीं मिल पाई।
सदर अस्पताल, #आज़मगढ़ का ये वीडियो देखकर आप समझ जाएँगे कि क्यों हर बार चुनाव के पहले धर्म को आगे करते हैं मुखिया जी…!!
इतनी बेहतरीन व्यवस्था है कि मरीज़ ज़मीन पर बैठकर ऑक्सीजन मास्क लगाए हुए है…!! शर्मनाक
सारा खर्चा इन्वेस्टमेंट के प्रस्ताव के प्रचार प्रसार पर होता है, हकीकत… pic.twitter.com/6bjkwk4P69
— Mamta Tripathi (@MamtaTripathi80) July 19, 2025
कांग्रेस नेता अनिल यादव का हमला
आजमगढ़ (Azamgarh) के स्थानीय कांग्रेस नेता अनिल यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह डबल इंजन सरकार के स्वास्थ्य क्रांति की असली तस्वीर है। मरीज फर्श पर बैठा है, ऑक्सीजन मास्क लगाए हुए, न बेड है, न सफाई, न कोई मूलभूत सुविधा। यूपी सरकार विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं के दावे करती है, जबकि जमीनी हकीकत सबके सामने है।
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सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
यह वीडियो वायरल होने के बाद लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूट पड़ा। एक यूजर भानु नंद ने एक्स पर लिखा कि बीजेपी सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी बिगड़ गई है कि मरीज खुद को खुद ही इलाज करने पर मजबूर हैं। लगता है सिस्टम और सरकार दोनों आंख बंद कर लोगों की मौत का इंतज़ार कर रहे हैं।
सवालों के घेरे में यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था
एक ओर जहां राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को मेडिकल हब बनाने के बड़े-बड़े वादे करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में संसाधनों की ऐसी ही कमी बनी रही, तो ग्रामीण और छोटे शहरों के मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जिला अस्पताल जैसे बड़े केंद्र पर इस तरह की लापरवाही न सिर्फ चिंता का विषय है, बल्कि यह मानवाधिकारों का भी उल्लंघन है।
प्रशासन की चुप्पी, जनता की चिंता
अब तक प्रशासन (Azamgarh Hospital) की ओर से इस मामले पर कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। लेकिन इस वीडियो के वायरल होने से जनता में रोष है और जवाबदेही की मांग तेज हो गई है।
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