NMC on Diploma Doctors: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव करते हुए डिप्लोमा होल्डर डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है। NMC ने 30 जून 2025 को एक अधिसूचना जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि अब पीजी डिप्लोमा धारक डॉक्टर भी मेडिकल कॉलेज में ‘असिस्टेंट प्रोफेसर’ पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अधिसूचना (NMC on Diploma Doctors) के अनुसार, शिक्षक पात्रता नियमों (Teachers Eligibility Qualifications – TEQ 2025) में दो मुख्य कैटेगरी के डिप्लोमा धारकों को पात्र माना है:
- जिन डॉक्टर्स ने 8 जून 2017 से पहले किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान में सीनियर रेजिडेंट के रूप में काम किया है। साथ ही उसके पास कम से कम 4 वर्षों का अनुभव हो।
- जो डॉक्टर सरकारी मेडिकल संस्थानों या राष्ट्रीय बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन एंड मेडिकल साइंसेज (NBEMS) द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण कार्यक्रम में कार्यरत रहे हों और उनके पास कम से कम 6 वर्षों का अनुभव हो।
डिप्लोमा होल्डर डॉक्टर्स की राह का रोड़ा हटा
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने साल 2017 में डिप्लोमा होल्डर डॉक्टरों (NMC on Diploma Doctors) के लिए मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण कार्य पर रोक लगा दी थी। हालांकि, उस समय तक नियुक्त डिप्लोमा धारक सीनियर रेजिडेंट्स को उनके पदों पर बने रहने की अनुमति दी गई थी। लेकिन इसके बाद डिप्लोमा होल्डर्स के लिए शिक्षक पदों की राह लगभग बंद हो गई थी।
संसदीय समिति ने भी की थी सिफारिश
109वीं संसदीय स्थायी समिति ने भी इस मामले पर कहा था कि पीजी डिप्लोमा (NMC on Diploma Doctors) और डिग्री कोर्स में मुख्य अंतर केवल अवधि और थीसिस का है। समिति ने डिप्लोमा कोर्स बंद करने और उनकी जगह डिग्री सीटें बढ़ाने की सिफारिश की थी। साथ ही, जो डॉक्टर पहले ही डिप्लोमा कर चुके हैं और दो वर्षों का शिक्षण अनुभव रखते हैं, उन्हें थीसिस सबमिशन के बाद डिग्री प्रदान करने का सुझाव दिया गया था।
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TEQ ड्राफ्ट 2024 में दिया गया था संकेत
इससे पहले NMC ने (TEQ) 2024 के ड्राफ्ट में भी डिप्लोमा होल्डर्स को (NMC on Diploma Doctors) राहत देने के संकेत दिए थे। ड्राफ्ट में भी 08 जून 2017 से पहले सीनियर रेजिडेंट पद पर कार्यरत और छह वर्षों का अनुभव रखने वाले डिप्लोमा डॉक्टर्स को असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पात्र माना गया था।
अब इन प्रस्तावित बदलावों को अंतिम रूप देते हुए, 30 जून 2025 की गजट अधिसूचना (NMC on Diploma Doctors) में इन्हें औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
‘घोस्ट फैकल्टी’ की समस्या भी होगी दूर: डॉ. गोलवाले
पीजी डिप्लोमा डॉक्टर्स असोशिएशन के डॉ. जेडए गोलवाले ने एनएमसी के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में फैकल्टी की कमी को दूर करेगा। हमने लंबे समय से यह मांग रखी थी कि योग्य और अनुभवी डॉक्टरों को शिक्षण कार्य के लिए अनुमति दी जाए।
उन्होंने यह भी बताया कि मेडिकल कॉलेजों में ‘घोस्ट फैकल्टी’ की समस्या भी इस फैसले से काफी हद तक हल हो सकेगी, क्योंकि अब कॉलेजों को अनुभवी और योग्य शिक्षक मिल सकेंगे।
पदोन्नति को लेकर अब भी स्पष्टता नहीं
हालांकि, डॉ. गोलवाले ने यह भी बताया कि नई अधिसूचना (NMC on Diploma Doctors) केवल असिस्टेंट प्रोफेसर तक सीमित है। इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि डिप्लोमा होल्डर डॉक्टरों को असोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर के पद तक पदोन्नति मिलेगी या नहीं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई संशोधन कर यह प्रावधान भी जोड़ दिया जाए कि जो डिप्लोमा डॉक्टर्स 10-15 वर्षों से शिक्षण कार्य में लगे हैं, उन्हें रिसर्च पब्लिकेशन जैसे मानकों के आधार पर पदोन्नति दी जा सकती है, तो इसका लाभ और भी व्यापक होगा।
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