MAARS AI: अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक क्रांतिकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल विकसित किया है जो अचानक कार्डियक डेथ (हार्ट रुकने से अचानक मौत) के उच्च जोखिम वाले मरीजों की पहचान मौजूदा मेडिकल गाइडलाइंस की तुलना में कहीं अधिक सटीकता से कर सकता है। इस मॉडल को ‘मल्टीमॉडल एआई फॉर वेंट्रिकुलर अरिदमिया रिस्क स्ट्रैटिफिकेशन (MARS)’ नाम दिया गया है।
इसका उद्देश्य उन मरीजों की समय रहते पहचान करना है, जिन्हें हृदय संबंधी गंभीर जटिलताओं का खतरा होता है लेकिन पारंपरिक जांच और निदान पद्धतियों में उनका पता नहीं चल पाता।
कार्डियक एमआरआई और मेडिकल रिकॉर्ड का संयुक्त विश्लेषण
न्यूज़ एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यह एआई मॉडल (MAARS AI) मरीजों के कार्डियक एमआरआई स्कैन और हेल्थ रिकॉर्ड को मिलाकर उन सूक्ष्म संकेतों का पता लगाता है जो हृदय संबंधी अचानक मौत की ओर इशारा करते हैं। यह तकनीक हृदय की बीमारियों के जोखिम का अनुमान लगाने में बेहद उन्नत और सटीक पाई गई है।
यह अध्ययन ‘नेचर कार्डियोवास्कुलर रिसर्च’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है और इसमें खासकर हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM) नामक बीमारी पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो युवाओं में अचानक कार्डियक डेथ का एक प्रमुख कारण है।
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मौजूदा गाइडलाइंस से कई गुना बेहतर
अमेरिका और यूरोप में प्रचलित मौजूदा मेडिकल गाइडलाइंस के अनुसार, मरीजों की जोखिम पहचान की सटीकता केवल 50 प्रतिशत मानी जाती है, जबकि मार्स मॉडल (MAARS AI) ने इस क्षेत्र में 89 प्रतिशत सटीकता हासिल की। खास बात यह रही कि 40 से 60 वर्ष की उम्र के मरीजों में इसकी सटीकता 93 प्रतिशत तक रही, जो इस आयु वर्ग में हार्ट अरेस्ट का सबसे अधिक जोखिम दर्शाता है।
डीप लर्निंग से पहचानता है खतरे के पैटर्न
यह मॉडल (MAARS AI) विशेष रूप से कंट्रास्ट-एन्हांस्ड एमआरआई स्कैन का विश्लेषण कर दिल में मौजूद घावों के पैटर्न की पहचान करता है, जिन्हें सामान्य रूप से डॉक्टर्स देख नहीं पाते। डीप लर्निंग तकनीक का उपयोग करते हुए, यह मॉडल उन संकेतों की भी पहचान करता है जो अचानक हृदय गति रुकने की पूर्व सूचना बन सकते हैं।
अनावश्यक डिवाइस से छुटकारा भी संभव
शोधकर्ता और योजना के प्रमुख नतालिया ट्रायानोवा ने कहा कि कई युवा मरीज इस बीमारी की चपेट में आकर जान गंवा रहे हैं क्योंकि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता। वहीं, कई ऐसे भी हैं जो अनावश्यक रूप से डिफाइब्रिलेटर डिवाइस के साथ जीवन गुजार रहे हैं। हमारा मॉडल इन दोनों ही स्थितियों में बदलाव ला सकता है।
चिकित्सा क्षेत्र में बदलाव की उम्मीद
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजिस्ट और शोध सह-लेखक जोनाथन क्रिस्पिन ने कहा कि यह एआई मॉडल (MAARS AI) मौजूदा एल्गोरिदम की तुलना में कहीं बेहतर जोखिम आकलन करता है और चिकित्सा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है।
भविष्य की योजना
शोधकर्ता अब इस मॉडल (MAARS AI) को कार्डियक सारकॉइडोसिस और एरिथमोजेनिक राइट वेंट्रिकुलर कार्डियोमायोपैथी जैसी अन्य हृदय संबंधी बीमारियों पर लागू करने की योजना बना रहे हैं। साथ ही इसे बड़े पैमाने पर मरीजों पर आजमाकर इसके उपयोग को व्यापक बनाया जाएगा।
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