Rimegepant: भारत की केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के तहत कार्यरत विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने फाइज़र लिमिटेड को अपनी अनुसंधानाधीन माइग्रेन रोधी दवा रिमीगेपैंट के फेज IIIb क्लिनिकल ट्रायल को भारत में संचालित करने की अनुमति दे दी है।
फाइज़र ने इस अध्ययन के लिए फेज IIIb क्लिनिकल स्टडी प्रोटोकॉल नंबर C4951063 (संशोधन 1, दिनांक 5 दिसंबर 2024) प्रस्तुत किया था, जिसे हाल ही में हुई समिति की बैठक में समीक्षा के लिए रखा गया। SEC ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ट्रायल को स्वीकृति देने की सिफारिश की।
मासिक धर्म माइग्रेन के लिए विशिष्ट शर्त
हालांकि, समिति ने एक विशेष शर्त भी ट्रायल (Rimegepant) के दौरान लागू करने को कहा है। समिति के अनुसार कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान यदि किसी प्रतिभागी को मासिक धर्म से संबंधित गंभीर माइग्रेन अटैक होता है, तो उस स्थिति में पूर्व-निर्धारित दवाएं देने की अनुमति होगी।
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क्या है Rimegepant?
रिमीगेपैंट (Rimegepant) एक मौखिक दवा है, जो CGRP (Calcitonin Gene-Related Peptide) रिसेप्टर एंटागोनिस्ट के रूप में कार्य करती है। यह माइग्रेन के तीव्र उपचार के साथ-साथ रोकथाम दोनों में उपयोग की जाती है। यह दवा दुनिया के कई देशों में वयस्कों के लिए माइग्रेन उपचार हेतु स्वीकृत हो चुकी है।
माइग्रेन चिकित्सा में नई दिशा
रिमीगेपैंट (Rimegepant) जैसे CGRP अवरोधक माइग्रेन चिकित्सा की नई श्रेणी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो परंपरागत उपचारों की तुलना में बेहतर प्रभावकारिता और सहनशीलता प्रदान करते हैं। भारत में यह ट्रायल, विशेषकर महिलाओं में हार्मोनल माइग्रेन पर इसके प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
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