Fortis TREAT: फोर्टिस हॉस्पिटल, बेंगलुरु (बैनरघट्टा रोड) ने रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
अस्पताल ने ‘TREAT’ (Total Robot Enabled & Assisted Transplant) नामक एक अत्याधुनिक कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके तहत भारत में पहली बार एक साथ डोनर और रिसीपीएंट की सफल रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी की गई है।
यह कार्यक्रम (Fortis TREAT) एक उन्नत रोबोटिक सर्जिकल इकोसिस्टम और मरीज-केंद्रित देखभाल प्रोटोकॉल का संयोजन है। खासकर जटिल किडनी ट्रांसप्लांट मामलों में यह तकनीक सर्जरी को अधिक सटीक, कम दर्दनाक और शीघ्र पुनर्प्राप्ति वाली बनाती है। इस प्रक्रिया में दो रोबोटिक सिस्टम का एक साथ उपयोग किया जाता है – एक डोनर के लिए और दूसरा रिसीपीएंट के लिए – जिससे सर्जरी का समय और जोखिम दोनों कम हो जाते हैं।
Fortis TREAT: महिलाओं और जटिल मरीजों के लिए वरदान
भारत में अधिकतर जीवित किडनी डोनर महिलाएं होती हैं, जो पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य जोखिम उठाती हैं। TREAT कार्यक्रम डोनर की सुरक्षा और शीघ्र रिकवरी को प्राथमिकता देता है, जिससे अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि कम होती है और वे जल्दी सामान्य जीवन में लौट सकती हैं।
Fortis TREAT: जटिल केसों में नई उम्मीद
इस कार्यक्रम के तहत ऐसे मरीजों के लिए भी रास्ता खुला है जो मोटापे, पुरानी बीमारियों, या पहले की सर्जरी के कारण ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते थे।
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कुछ उल्लेखनीय केस
- 47 वर्षीय जोआचिम (तंजानिया): हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर के कारण कई अस्पतालों ने किडनी ट्रांसप्लांट से इनकार कर दिया था। उनके भाई अमोडियस ने डोनेट किया। 19 मई को TREAT कार्यक्रम के तहत दोनों की सफल रोबोटिक सर्जरी हुई और 24 घंटे में ही डोनर चलने-फिरने लगे।
- 35 वर्षीय सना (बीजापुर): भाई चंद से ब्लड ग्रुप मेल नहीं खाने के कारण ट्रांसप्लांट असंभव माना गया। लेकिन Fortis में एंटीबॉडी-रिडक्शन ट्रीटमेंट और 5 मई को डुअल रोबोटिक सर्जरी से सना को नया जीवन मिला।
- 59 वर्षीय चौडेनहल्ली और पत्नी लीलावती: मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर के कारण केस काफी जटिल था। लेकिन 24 मई को दोनों की एक साथ रोबोटिक सर्जरी हुई और चार दिन में ही लीलावती को छुट्टी मिल गई।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. मोहन केशवमूर्ति (प्रिंसिपल डायरेक्टर, रीनल साइंसेज, फोर्टिस) ने कहा कि TREAT सिर्फ तकनीक नहीं, यह देखभाल की परिभाषा बदल रहा है। यह महिला डोनरों, जटिल केसों और उन परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण है जो अब तक विकल्पहीन थे।
डॉ. ऋतु गर्ग (चीफ ग्रोथ एंड इनोवेशन ऑफिसर, फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड) ने कहा कि TREAT केवल जीवन बचाने तक सीमित नहीं है, यह मरीजों को फिर से सामान्य जीवन जीने योग्य बना रहा है। यह तकनीक और संवेदना का सशक्त संगम है।
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