AI Detecting Pneumonia From X-rays: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने अब मेडिकल फील्ड में भी अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें एक अनुभवी डॉक्टर AI की क्षमताओं को देखकर हैरान रह जाता है। यह वीडियो एक पल्मोनोलॉजिस्ट यानी फेफड़ों के रोग विशेषज्ञ ने शेयर किया है, जिनके पास 20 साल का अनुभव है। वीडियो में डॉक्टर खुद कहते दिख रहे हैं कि कैसे AI अब उनसे भी ज्यादा तेजी और सटीकता से एक्स-रे स्कैन को पढ़ सकता है और बीमारियों की पहचान कर सकता है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “अब मेरी नौकरी गई!”
वीडियो में देखा जा सकता है कि डॉक्टर खुद एक्स-रे देखकर कहते हैं कि पेशेंट को गंभीर निमोनिया है, लेकिन जब AI की मदद ली जाती है, तो वह सेकंडों में न सिर्फ यह बता देता है कि मरीज को निमोनिया है, बल्कि एक्स-रे की जटिलताओं को भी बारीकी से समझ लेता है। डॉक्टर ने अपने अनुभव को शेयर करते हुए बताया कि AI अब इतने एडवांस हो चुके हैं कि वह किसी भी प्रोफेशनल से तेज और सटीक काम कर सकते हैं।
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डॉक्टर बोले – अब मुझे मैकडॉनल्ड्स में नौकरी ढूंढनी पड़ेगी!
वीडियो में डॉक्टर ने हंसते हुए कहा, “अब लगता है कि फेफड़ों का एक्स-रे देखने के लिए इंसानी आंखों की जरूरत नहीं रह गई है। मुझे अब शायद मैकडॉनल्ड्स में नई नौकरी के लिए आवेदन कर देना चाहिए, क्योंकि AI मेरी नौकरी छीन लेगा।” हालांकि उनका यह बयान मजाक में था, लेकिन इसके पीछे की हकीकत बेहद गंभीर और सोचने वाली है।
AI ने बढ़ाया चिंता का स्तर, पर इंसान की भूमिका अभी भी अहम
पल्मोनोलॉजिस्ट ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे AI टूल्स एक्सपर्ट लेवल के कार्यों को खुद करने लगे हैं, यह केवल ऑटोमेशन का मसला नहीं रह गया है, बल्कि एक बड़ा बदलाव है कि कैसे मशीनें इंसानों की विशेष जानकारी को तेजी से सीख रही हैं। उन्होंने कहा, “हमें इस पर विचार करना होगा कि जब मशीनें तेजी से स्किल वर्क करने लगेंगी, तो क्या भविष्य में मानव विशेषज्ञों की भूमिका खत्म हो जाएगी?”
सोशल मीडिया पर मिल रहा जबरदस्त रिएक्शन
इस वीडियो को अब तक 2 लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं और हजारों लोग इस पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं। एक यूजर ने लिखा, “एआई में चाहे कितनी भी समझ हो, लेकिन डॉक्टर साहब, हमें अभी भी आपके अनुभव और निर्णय की जरूरत है।” वहीं एक और यूजर ने लिखा, “भाई, मैकडॉनल्ड मत जाओ… वो तो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन आप लोगों की जान बचाते हैं।”
क्या मेडिकल फील्ड में AI की एंट्री खतरे की घंटी है?
एआई की इस तरह की क्षमता देखकर मेडिकल फील्ड में एक नई बहस छिड़ गई है कि क्या आने वाले समय में डॉक्टरों की जरूरत कम हो जाएगी? क्या मशीनें ही इलाज करेंगी? हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि एआई टूल्स इंसानों की मदद के लिए बने हैं, न कि उनकी जगह लेने के लिए। पर यह तय है कि अब डॉक्टरों को भी AI को समझना और उसके साथ तालमेल बैठाना सीखना होगा।
निष्कर्ष
AI की यह तरक्की जहां एक ओर चिकित्सा क्षेत्र के लिए क्रांतिकारी साबित हो रही है, वहीं दूसरी ओर यह इंसानी भूमिका को लेकर नई बहस भी शुरू कर रही है। तकनीक के इस युग में सबसे अहम बात यही है कि इंसान और मशीन मिलकर कैसे काम कर सकते हैं – न कि एक-दूसरे की जगह लेने की दौड़ में उलझें।
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