ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने 16 फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है, जिन्हें पहले प्रो. सी.के. कोकाटे की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने अनुपयोगी घोषित किया था।
24 अप्रैल 2025 को आयोजित DTAB की 92वीं बैठक में, एक उप-समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की समीक्षा की गई। इस उप-समिति की अध्यक्षता डॉ. निलीमा क्षीरसागर कर रही थीं। इस समिति का गठन विशेष रूप से उन 16 FDC दवाओं का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए किया गया था, जिन्हें कोकाटे समिति की मूल रिपोर्ट में अनुपयोगी बताया गया था।
बैठक के आधिकारिक मिनट्स में उल्लेख किया गया है कि बोर्ड को डॉ. निलीमा क्षीरसागर की अध्यक्षता में उप-समिति की रिपोर्ट के बारे में सूचित किया गया, जिसने सभी 16 FDC को अनुपयोगी घोषित किया और इन पर प्रतिबंध की सिफारिश की क्योंकि ये मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हैं।
विस्तृत विचार-विमर्श के बाद मिली सहमति
DTAB ने गहन विचार-विमर्श के बाद उप-समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी, जिससे इन दवाओं के मार्केटिंग प्राधिकरण को वापस लेने का रास्ता साफ हो गया। बोर्ड ने अपने बयान में कहा है कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, DTAB ने उप-समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों से सहमति जताई।
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2023 में CDSCO ने की थी सूचना की मांग
यह कदम अप्रैल 2023 में शुरू हुई एक व्यापक पहल का हिस्सा है, जब सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने निर्माताओं से इन 16 FDC दवाओं के सुरक्षा और प्रभावशीलता से संबंधित विस्तृत जानकारी जमा करने के लिए कहा था। इसका उद्देश्य निर्माताओं को इन दवाओं की सुरक्षा और उपयोगिता को प्रमाणित करने का अवसर देना था।
प्रतिबंधित 16 FDC दवाओं की सूची
क्रमांक | FDC का नाम |
1 | एसीटाइल सैलिसिलिक एसिड + एथोहैप्टाज़ीन |
2 | ऐलो एक्सट्रैक्ट + एलेंटोइन + अल्फा-टोकोफेरोल एसीटेट + डी-पैंथेनॉल + विटामिन ए |
3 | ऐलो एक्सट्रैक्ट + विटामिन ई + डाइमिथिकोन + ग्लिसरीन |
4 | ऐलो वेरा + जोजोबा ऑयल + विटामिन ई |
5 | ऐलो वेरा + ऑरेंज ऑयल |
6 | ऐलो वेरा + जोजोबा ऑयल + व्हीट जर्म ऑयल + टी ट्री ऑयल |
7 | ऐलो वेरा + विटामिन ई + हर्बल |
8 | डाइसाइक्लोमिन + पैरासिटामोल + क्लिडिनियम ब्रोमाइड |
9 | डाइसाइक्लोमिन + पैरासिटामोल + क्लिडिनियम ब्रोमाइड + क्लोरडायजेपॉक्साइड |
10 | ग्लिक्लाजाइड + क्रोमियम पिकोलिनेट |
11 | पैरासिटामोल + लिडोकाइन |
12 | एमोक्सिसिलिन + सेराटियोपेप्टिडेज़ + लैक्टोबैसिलस स्पोरोजेन्स |
13 | एमोक्सिसिलिन + क्लोक्सासिलिन + लैक्टिक एसिड बैसिलस + सेरापेप्टेज |
14 | एमोक्सिसिलिन + सेराटियोपेप्टिडेज़ |
15 | सेफाड्रॉक्सिल + प्रोबनेसीड |
16 | सेफ्यूरोक्साइम + सेराटियोपेप्टिडेज़ |
यह निर्णय भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल रोगियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा, बल्कि तर्कसंगत दवा प्रयोग को भी बढ़ावा देगा। अब देखना होगा कि CDSCO इस सिफारिश को लागू करने की दिशा में क्या कदम उठाता है।
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