AIOCD: भारत के संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ते तनाव को देखते हुए ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने देशभर के स्टॉकिस्ट, थोक विक्रेता और खुदरा दवा विक्रेताओं से सतर्क रहने और आवश्यक दवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपील की है।
AIOCD के अध्यक्ष जेएस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने अपने 12.4 लाख सदस्य आधार को निर्देश दिया है कि वे विशेष रूप से चोट, जलन और मधुमेह, हृदय रोग, और किडनी विकार जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की उपलब्धता बनाए रखें।
राजीव सिंघल ने कहा कि दवाओं की किसी भी प्रकार की कमी या अभाव नहीं होना चाहिए। हम सभी सदस्यों से आग्रह करते हैं कि जन स्वास्थ्य रक्षक के रूप में पूरी निष्ठा से जनता की सेवा करें।
प्रधानमंत्री को लिखा समर्थन पत्र
AIOCD ने भारत के माननीय प्रधानमंत्री को एक पत्र भी सौंपा है, जिसमें उन्होंने सरकार को पूर्ण समर्थन देने और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के समन्वय में सहयोग का आश्वासन दिया है। इस पत्र में AIOCD ने संकट की घड़ी में राष्ट्रीय तैयारियों और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग का संकल्प व्यक्त किया है।
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स्टॉक पर कड़ी निगरानी का निर्देश
संगठन ने अपने सदस्यों को स्टॉक स्तर की कड़ी निगरानी रखने और किसी भी प्रकार की कमी या आपूर्ति में बाधा की स्थिति में तुरंत AIOCD को सूचित करने का निर्देश दिया है। एआईओसीडी ने आश्वासन दिया है कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए वे फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ मिलकर त्वरित कदम उठाएंगे ताकि गुणवत्ता वाली दवाओं की उपलब्धता में कोई रुकावट न आए।
AIOCD ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों में गुणवत्ता वाली दवाओं की उपलब्धता किसी भी स्थिति में बाधित नहीं होनी चाहिए। संगठन ने यह भी कहा कि दवा विक्रेता समुदाय देश के आपातकालीन प्रतिक्रिया नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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