NEET PG: भारत और पाकिस्तान के बीच तेजी से बढ़ते तनाव के बीच, डॉक्टरों ने सरकार से स्नातकोत्तर मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं जैसे कि राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET-PG) और INICET को स्थगित करने की अपील की है। डॉक्टरों का कहना है कि ये परीक्षाएँ तब तक आयोजित न की जाएं जब तक “युद्ध समाप्त न हो जाए”।
मेडिकल क्षेत्र के कई प्रमुख सदस्यों, जिनमें स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा कार्यकर्ता डॉ. ध्रुव चौहान, यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्या मित्तल शामिल हैं, ने इन परीक्षाओं को पूर्व निर्धारित शेड्यूल पर आयोजित करने के खतरों पर प्रकाश डाला है। उनका कहना है कि परिवहन संबंधी समस्याओं के साथ-साथ परीक्षार्थियों की सुरक्षा भी एक बड़ी चिंता का विषय है।
राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBEMS) द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, NEET PG 2025 की परीक्षा 15 जून 2025 को आयोजित की जाएगी। वहीं, AIIMS INICET 2025 की परीक्षा 17 मई को और INISS जुलाई 2025 सत्र की परीक्षा 24 मई 2025 को निर्धारित की गई है।
डॉ. ध्रुव चौहान की सोशल मीडिया पोस्ट
IMA-JDN के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. ध्रुव चौहान ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि जब इंडियन प्रीमियर लीग (IPL), सीए परीक्षा और कई विश्वविद्यालयों की परीक्षाएँ सुरक्षा कारणों से रद्द की जा सकती हैं, तो NEET PG और INICET जैसी प्रमुख परीक्षाओं को भी रद्द कर दिया जाना चाहिए। कई राज्यों में फ्लाइट्स रद्द हैं और सुरक्षा खतरा सिर पर मंडरा रहा है, जिससे छात्रों की मानसिक शांति और पढ़ाई पर गहरा असर पड़ रहा है।
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परीक्षा स्थगित करने की अपील
डॉ. चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा, “INICET और NEET PG जैसी परीक्षाओं को स्थगित कर देना चाहिए क्योंकि जम्मू, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली जैसे कई राज्यों में स्थिति तनावपूर्ण है। ब्लैकआउट, सायरन और मिसाइल हमले के कारण छात्र पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं।”
इस बीच, डॉ. लक्ष्या मित्तल ने AIIMS दिल्ली के निदेशक को पत्र लिखकर 17 मई और 24 मई को निर्धारित INICET PG और INI-SS परीक्षाओं को स्थगित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में लिखा कि “भारत-पाक सीमा पर तनाव और राष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति के चलते परीक्षार्थियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी परीक्षा देने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।”
सुरक्षा और मानसिक तनाव को लेकर चिंता
डॉ. मित्तल ने अपने पत्र में इस बात पर जोर दिया कि परीक्षार्थियों को सुरक्षा और यात्रा संबंधी प्रतिबंध, मानसिक तनाव, परिवहन और संचार में रुकावट जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उनके अनुसार, सीमा के नज़दीकी क्षेत्रों और संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू या सीमित आवाजाही के आदेश पहले ही लागू हो चुके हैं, जिससे छात्रों के लिए परीक्षा केंद्रों तक पहुँचना मुश्किल हो गया है।
सोशल मीडिया पर उठी आवाजें
एक अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ता डॉ. नवाज़िश खान ने भी परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की। उन्होंने कहा, “भारत में मौजूदा स्थिति अप्रत्याशित हो सकती है और नागरिकों, विशेषकर छात्रों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसे में NEET PG और INICET जैसी परीक्षाओं को स्थगित करना एक उचित निर्णय होगा।”
डॉ. खान ने यह भी कहा कि सरकार को परीक्षा की तैयारी, शैक्षणिक कैलेंडर और चिकित्सा शिक्षा प्रणाली पर पड़ने वाले प्रभावों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार करना चाहिए।
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